वोट की चोट से पाप की लंका जलाकर राख कर देंगे: शिवराजसिंह चौहान

वोट की चोट से पाप की लंका जलाकर राख कर देंगे: शिवराजसिंह चौहान


सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्‍यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि इस सरकार में सिर्फ पटवारी से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक वसूली का ही काम हो रहा है। कमलनाथ सरकार प्रदेश को चील-कौवों की तरह नोंच नोंच कर खा रही है। शराब, रेत, तबादला उद्योग, परिवहन के काम में पैसों की लूट हो रही है। सरपंचों को नोटिस दिया जा रहा है कि कांग्रेस में आ जाओ। एक अतिक्रमण तोड़कर 10 लोगों से पैसे वसूल रहे हैं। अतिथि विद्वान महिलाओं को मुंडन करवाने पर मजबूर किया जा रहा है। चारों तरफ त्राहि त्राहि हो रही है,  हाहाकार मचा है। उन्‍होंने कहा कि आगर में आन बान शान के लिए मरने वाले लोग हैं और आगर की जनता इन सबका हिसाब कांग्रेस सरकार से जरूर लेगी। उन्‍होंने कहा कि यह उपचुनाव आगर की जनता लड़ेगी और दिखा देगी कि जनता की ताकत क्या होती है। वोट की चोट से कमलनाथ सरकार की पाप की लंका को जलाकर राख कर देंगे।


श्री चौहान ने कहा कि सुना है दो दिन पहले मुख्‍यमंत्री कमलनाथ भी आगर आए थे। अब चुनाव है, तो दिखने लगे हैं। लेकिन आगर की जनता जानती है कि यहां के विकास के लिए काम किसने किए हैं।  आगर को जिला किसने बनाया, जिस कलेक्टर भवन का उद्घाटन मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने किया, वह किसने बनाया, पंचायत ऑफिस किसने बनाया, गो-अभ्यारण किसने बनाया, अस्पताल में ट्रामा सेंटर किसने खोला, कुंडलिया डैम किसने बनाया, कृषि विज्ञान केंद्र किसने खोला, बड़ौद कॉलेज किसने खोला, फोरलेन किसने बनाई, जिला न्यायालय का भवन किसने बनाया, आरटीओ का आफिस किसने बनाया? श्री चौहान ने कहा कि यह सरकार है या सरकस, समझ से परे है। इस सरकार में कलेक्टर थप्पड़ मार रही है। मंत्री सब इंजीनियर के पांव पर गिर जाते हैं। पीने की पानी की व्यवस्था नहीं है, मगर शराब घर-घर, गली-गली बेचने की तैयारी है। उन्‍होंने कहा कि सरकार इसलिए लोगों को नशे में डुबा देना चाहती है, ताकि उन्‍हें इस सरकार के वादे याद न रहें। श्री चौहान ने कहा कि मुख्‍यमंत्री कहते हैं कि मैं महिलाओं के लिए अलग से दारू की दुकान खुलवाउंगा। लेकिन खबरदार, एक भी दारू  की दुकान खोलने की कोशिश की तो मेरी बहनें उसे तहस-नहस कर देंगी।  उन्‍होंने कहा कि इस सरकार ने किसानों को गेहूं का बोनस नहीं दिया। हमने संबल योजना बनाई थी ताकि गरीब-मध्यमवर्गीय परिवारों की जिंदगी चल सके, इन्‍होंने बंद कर दी। हम बच्चों की फीस भरवाते थे, अब नहीं भरी जा रही है। यह बेईमान सरकार बच्‍चों की स्‍कॉलरशिप भी खा गई। बच्‍चों को लेपटॉप, स्‍मार्टफोन दिया जाता था, अब नहीं मिलता। बुजुर्गों को आखिरी समय में तीर्थ दर्शन की आस रहती थी, लेकिन इन्‍होंने वह आस भी छीन ली। हमने गरीबों का नाम गरीबी रेखा की सूची में जोड़ा, इन्‍होंने नाम काट दिये। ये इसलिए नाम काट रहे हैं कि गरीबों को राशन न देना पड़े, लेकिन मैं चेतावनी देता हूं कि अगर सूची से गरीबों के नाम काटे तो इस सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे।


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