विकास के लिए जरुरी है विपरीत विचारों को स्वीकार करना – शरद द्विवेदी
विकास के लिए जरुरी है विपरीत विचारों को स्वीकार करना – शरद द्विवेदी
मानसरोवर डेंटल कॉलेज में आयोजित युवा संसद में युवाओं ने रखे विचार
भोपाल - आज के समय में जब हर जगह बहस हो रही है, ऐसे में आवश्यक है कि विमर्श आयोजित किये जायें। वाद विवाद में एक पक्ष सही और एक गलत होता है, विमर्श में स्वीकार्यता और कुछ उपजाऊ विचार निकलने की संभावना होती है। मानव के विकास के लिए आवश्यक है कि वह अपने से विपरीत विचारों को भी स्वीकार करना सीखे। उक्त बातें बंसल न्यूज़ के प्रमुख शरद द्विवेदी ने नेहरू युवा केंद्र के सहयोग से भारत यूथ फोरम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही।
भारत यूथ पार्लियामेंट का आयोजन मानसरोवर डेंटल महाविद्यालय में किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर के 100 से अधिक युवाओं ने सबरीमाला और सीएए जैसे विषय के पक्ष, विपक्ष में अपने विचार रखे। कार्यक्रम का शुभारंभ एडीजे आशुतोष मिश्रा, एडिशनल सीईओ डॉ देवेश मिश्रा, आशुतोष सिंह ठाकुर, शुभम चौहान, आलोक पांडेय की उपस्थिति में किया गया। श्री मिश्रा ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से समाज में एक सकारात्मक विमर्श की शुरुआत होती है। आज देश को आगे ले जाने के लिए आवश्यक है कि युवा विचारवान बने।
देश को आगे ले जाने के लिए आगे आयें युवा
राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित बरखेडी की युवा सरपंच भक्ति शर्मा ने युवाओं को संबोधित करते हुए उन्हें समाज के नेतृत्व के लिए आगे आने का आह्वाहन किया। उन्होंने कहा कि युवा अपने जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछें, उनके काम का हिसाब मांगें। जब तक युवा आगे आकर देश की जिम्मेदारी नहीं उठाएगा भारत अपने सम्पूर्ण क्षमता का उपयोग नहीं कर पायेगा। समापन समारोह में मुख्य अतिथि सरपंच भक्ति शर्मा, राजस्थान कबड्डी लीग के सीईओ शुभम चौधरी ने सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया।
संयोजन मधुसूदन राय,शिवम द्विवेदी,पारस वाजपेई सहित आदि युवाओं ने किया।