प्रदेश में कब तक होगा आदिवासियों का अपमान

प्रदेश में कब तक होगा आदिवासियों का अपमान
सरकारी कार्यक्रमों में भाजपा के जनप्रतिनिधियों का लगातार हो रहा अपमान


 भोपाल। भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती लता ऐलकर ने कहा कि कांग्रेस सरकार में लगातार आदिवासियों और दलितों का अपमान और उन पर अत्याचार हो रहा है। शासकीय कार्यक्रमों में भाजपा के जनप्रतिनिधियों को जगह न देना और उन्हें अपमानित करना प्रदेश सरकार की परंपरा बन गयी है, लेकिन हद तो तब हो गयी जब आदिवासियों के कार्यक्रम में ही एक आदिवासी महिला जनप्रतिनिधि को मुख्यमंत्री की मौजूदगी में अपमानित किया गया, उन्हें मंच पर बैठने की जगह तक नहीं दी। उनके विरोध पर उन्हें पुलिस द्वारा खींचकर बाहर कर दिया। सरकार का यह कृत्य आदिवासी और महिला विरोधी है, जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।
 डिंडोरी में सोमवार को मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की मौजूदगी में शबरी समागम का आयोजन किया गया था। सरकारी कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष के नाते श्रीमती ज्योति धुर्वे कार्यक्रम में पहुंची तो उन्हें मंच पर जाने से रोका गया और उनका अपमान किया गया। जब इस बात का आदिवासी जनप्रतिनिधि श्रीमती ज्योति धुर्वे ने विरोध किया तो पुलिस ने उन्हें कार्यक्रम स्थल से खींचकर बाहर निकाल दिया। श्रीमती लता ऐलकर ने इस कृत्य की कडे शब्दों में भर्त्सना की है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के इतिहास में यह घटना शर्मसार करने वाली है। आदिवासी जनप्रतिनिधियों के हितों पर कमलनाथ सरकार कुठाराघात कर रही है। यह कांग्रेस की आदिवासी विरोधी मानसिकता को उजागर करता है।
 श्रीमती लता ऐलकर ने कहा कि यह पहला अवसर है जब मुख्यमंत्री की मौजूदगी में आदिवासी जनप्रतिनिधि का अपमान किया गया। पूर्व में कांग्रेस के विधायक पांचीलाल मेढ़ा का स्वयं मुख्यमंत्री की मौजूदगी में अपमान हुआ था और अब डिंडोरी के शासकीय कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ज्योति धुर्वे को मंच पर जाने से रोका गया और उन्हें पुलिस द्वारा कार्यक्रम स्थल से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आदिवासियों के प्रति जिस प्रकार की सोच है वह उनके कृत्यों में दिखायी देती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आदिवासियों को लुभाने के लिए माता शबरी के स्मृति में कार्यक्रम आयोजित किया था, लेकिन  आदिवासियों को समर्पित कार्यक्रम में ही आदिवासियों का अपमान किया गया और मंच पर सरकार के मुखिया बैठे रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को महिला जनप्रतिनिधि से माफी मांगनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए।


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