मुख्यमंत्री निष्ठुर और मंत्री बेशर्म बनकर काम कर रहे हैं: गोपाल भार्गव
प्रदेश सरकार निर्लज्ज, मुख्यमंत्री निष्ठुर और मंत्री बेशर्म बनकर काम कर रहे हैं: गोपाल भार्गव
-तीन मासूमों के माथे से सरकार ने छीना पिता का साया
- अब एक ओर अतिथि विद्वान संजय कुमार को देना पड़ी अपनी जान
-नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कितने ओर अतिथि विद्वानों को जान देनी पड़ेगी बताएं सरकार?
भोपाल। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने एक और अतिथि विद्वान संजय कुमार की आत्महत्या के लिए कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मुखिया कमलनाथ निष्ठुर हो गए हैं। उन्हें अब मरते हुए अतिथि विद्वानों की चीखें भी नही सुनाई दे रही। उन्होंने कहा कि संजय अकेले नही है जो अवसाद से गुजरे संजय जैसी परिस्थितियों से आज हजारों अतिथि विद्वान गुजर रहे है। मुख्यमंत्री जी आप कितनी ओर मौत होने का इंतज़ार कर रहे है। क्या सरकार के लिए इनकी जान की भी कोई कीमत नही?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि इस बार उमरिया जिले के चंदिया स्थित शासकीय महाविद्यालय के क्रीड़ा अधिकारी संजय कुमार को आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या करनी पड़ी। संजय कुमार अतिथि विद्वान के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। अतिथि विद्वान लगभग दो माह से ज्यादा समय से अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने इंसानियत की पराकाष्ठा को ही पार कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की बेरुखी ने नाबालिगों के माथे से पिता का साया छीन लिया।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि कई अतिथि विद्वान आर्थिक तंगी के कारण मौत को गले लगा रहे हैं तो कइयों को भारी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। कई अतिथि विद्वानों को अपने बच्चों के साथ धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है, लेकिन प्रदेश की सरकार और उनके मुखिया कमलनाथ सब कुछ देखकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। आखिरकार सरकार इन अतिथि विद्वानों की मांगों को क्यों नहीं सुन रही है और क्यों इनको आश्वसन नहीं दे पा रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इससे पहले अतिथि विद्वान राजकुमार अहिरवार के 2 साल के मासूम बच्चे की इलाज के अभाव में मौत हो गई थी। सरकार ने इन अतिथि विद्वानों को उस स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है कि वे बच्चों का इलाज ही नहीं करवा पा रहे हैं।
कामकाज पर नहीं है ध्यान-
नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि प्रदेष में जब से कांग्रेस की सरकार आई है तब से अब तक उन्होंने एक भी ऐसा काम नहीं किया है, जिससे आम जनता को कोई राहत हो। सरकार तो सिर्फ तबादला कारोबार चलाने में लगी हुई है। यदि सरकार ये तबादला उद्योग बंद करके कुछ प्रदेश की जनता की फिर्क करे तो बेहतर होगा।