कलेक्टर को क्लीनचिट देकर छोटे अफसरों का मनोबल कम कर रहे हैं कमलनाथ : गोपाल भार्गव
थप्पड़ मारने वाली महिला कलेक्टर को क्लीनचिट देकर छोटे अफसरों का
मनोबल कम कर रहे हैं कमलनाथ : गोपाल भार्गव
जांच प्रभावित करने के लिए ही वरिष्ठ अफसरों को दिया था जिम्मा
भोपाल। थप्पड़ कांड की दोषी महिला कलेक्टर को बचाकर सरकार और मुख्यमंत्री कमलनाथ छोटे अधिकारियों का मनोबल गिरा रहे हैं। जब एक बार जांच में आरोप सिद्ध हो गए हैं तो फिर जांच वरिष्ठ अफसरों से क्यों कराई गई? दोषी कलेक्टर को बचाने के लिए ही वरिष्ठ अफसरों को जांच का जिम्मा सौंपा गया था और इन अफसरों ने अपना काम कर दिखाया। यह बात नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने थप्पड़ कांड में क्लीनचिट मिलने वाली राजगढ़ कलेक्टर को लेकर बयान में कही।
उन्होंने कहा कि सरकार ने एक दोषी आईएएस अधिकारी को बचाने के लिए पुलिस द्वारा की गई जांच को ही गलत ठहरा दिया है। ये मामला बेहद गंभीर है और इस मामले को मैं विधानसभा में भी उठाऊंगा। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी वहाँ मौजूद थे और जिन्होंने सब कुछ देखा अब उनको ही गलत साबित किया जा रहा है। जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी ने की थी। जांच एकदम सही तरीके से हुई थी, लेकिन वरिष्ठ अफसरों से जांच कराकर जांच को प्रभावित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार में ये गलत परम्पराएं शुरू की जा रहीं हैं। अब और भी जिलों के कलेक्टर एवं वरिष्ठ अफसर अपने अधिकारों का दुरुपयोग करेंगे, क्योंकि उनका मनोबल इससे बढ़ जाएगा।
एसआईटी से हो इस मामले की जांच
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि लोकतंत्र में ये अधिकार किसी को भी नहीं है कि वे अपने अधिकारों का दुरुपयोग इस तरह से करें। मैं मांग करता हूं कि सरकार इस थप्पड़ कांड की जांच के लिए एसआईटी का गठन ही कर दे, ताकि निष्पक्ष तरीके से इस मामले की जांच हो। उन्होंने कहा कि सरकार दोषी अधिकारियों को बचाकर प्रदेश में एक नई परिपाटी शुरू करना चाह रही है, जिससे ऐसे अधिकारियों के हौसलें बुलंद होंगे जो लोकसेवा आचरण अधिनियम को ठेंगा दिखाते है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में दोषी कलेक्टर पर कार्यवाही करनी थी लेकिन डीजीपी की रिपोर्ट को नकारते हुए जब एक आईपीएस अधिकारी की जांच के लिए ही दो आईपीएस अधिकारी को सरकार ने नियुक्त कर दिया था तब ही सरकार ने सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का कहावत को चरितार्थ कर दिया था।