जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत जिला स्तरीय कृषि सम्मेलन आयोजित
जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत जिला स्तरीय कृषि सम्मेलन आयोजित
द्वितीय चरण में 928 कृषकों के 6 करोड़ 50 लाख रुपए के ऋण माफ
गौ-आधारित कृषि से आयेगी खुशहाली एवं समृद्धि- मंत्री श्री यादव
किसान कल्याण एवं कृषि विकास व उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री सचिन सुभाष यादव तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने सीधी जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। मंत्री द्वय ने छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में प्रतीक-स्वरूप 10 किसानों को सम्मान-पत्र और ऋण माफी प्रमाण-पत्र प्रदान किये। सीधी जिले में योजना के द्वितीय चरण में कुल 928 किसानों के 6 करोड़ 49 लाख 50 हजार 802 रुपये के फसल ऋण माफ किये गये। प्रथम चरण में जिले के 13 हजार 644 किसानों के 73 करोड़ 82 हजार 128 रुपये के फसल ऋण माफ किये गये।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के नेतृत्व में जन आकांक्षाओं एवं उम्मीदों के अनुसार कार्य कर रही है। पिछले एक वर्ष के अपने कार्यकाल में जिसमें लगभग 9 महीने ही कार्य करने के लिए मिले, सरकार ने सभी वर्गों के हितों के लिए कार्य किया है। इस सरकार ने 365 दिनों में 365 वचनों को पूरा करने का कार्य किया है।
मंत्री श्री यादव ने कहा कि सरकार ने किसानों के ऋण माफी के सबसे बड़े वचन को पूरा करने का कार्य सबसे पहले किया है। खाली खजाने को देखते हुए यह एक चुनौतीपूर्ण काम था लेकिन सरकार ने योजना को धरातल पर उतारने हुए कर्ज के दलदल में फंसे कृषकों को राहत देने का कार्य किया है। प्रथम चरण में प्रदेश के 20 लाख से अधिक किसानों के 7 हजार करोड़ रूपये से अधिक के कृषि ऋण माफ किए गए हैं, जिसमें 31 मार्च 2018 की स्थिति में 02 लाख रूपये तक के कालातीत ऋण तथा चालू खाते के 50 हजार रूपये तक के ऋण सम्मिलित हैं। द्वितीय चरण में ऐसे कृषकों को सम्मिलित किया गया है जिसमें प्रथम चरण में वंचित 2 लाख रूपये तक के कालातीत ऋण तथा 50 हजार रूपये से एक लाख रूपये तक के चालू खाते के कृषि ऋण सम्मिलित हैं।
उन्होने कहा कि सभी पात्र कृषकों को योजना का लाभ मिलेगा। सरकार ने योजना से वंचित कृषकों को पुनः मौका देते हुए 15 से 31 जनवरी 2020 तक आवेदन प्राप्त किए हैं तथा आवेदनों का परीक्षण कर उन्हें लाभान्वित किया जायेगा। किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ने उपस्थित कृषकों को गौ-आधारित कृषि अपनाने के लिए कहा है। उन्होने कहा कि इससे कृषि की लागत में कमी आयेगी तथा अधिक फायदा होगा। खेती में रसायनिक खाद एवं कीटनाशकों के प्रयोग से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। इसको दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में एक हजार गौशालाएं निर्माणाधीन हैं तथा आगामी चरण में 3 हजार गौशालाओं का निर्माण किया जायेगा। मंत्री श्री यादव ने कहा कि प्रदेश को जैविक प्रदेश के रूप में विकसित किया जायेगा जिससे प्रदेश का किसान समृद्ध एवं खुशहाल होगा।